Friday, 30 March 2012

Yaad Hoga Tumhe Ye Geet

मैं धूप में था, वो छांव में

मैं आसमां, वो हवाओं में

थे संग हम फिर भी दूर थे

भंवर थे दोनों के पाँव में

कभी तो वापस फिर आयेंगे

वो लम्हे ख्वाबों के गाँव में

  

वो खूबसूरत सी दोपहर

वो शाम संग तेरे मुक्तसर

रखा है उस पल का नाम भी

लो हमने अब तेरे नाम पर

चले भी आओ हैं ढूँढ़ते

तुम्हें हजारों दिशाओं में

कभी तो वापस फिर आयेंगे

वो लम्हे ख्वाबों के गाँव में

मैं करवटों में उलझ गया

मैं रात भर कल न सो सका

मैं उस को हर पल हूँ ढूँढता

जो पल हमारा न हो सका

न रोको अब मैं हूँ डूबता

न जाने कैसी खलाओं में

कभी तो वापस फिर आयेंगे

वो लम्हे ख्वाबों के गाँव में

 हमारी तकलीफ सोच कर

था रोना चाहा, न रो सका

ज़रा से मासूम ख्वाब का

गले में किरचा अटक गया

है कहने को कितना कुछ मगर

बताओ कैसे सुनाऊं मैं

कभी तो वापस फिर आयेंगे

वो लम्हे ख्वाबों के गाँव में

3 comments:

  1. hey buddy this is nice and i wannna more quotes.

    ReplyDelete
  2. great going dude post some more blogs to make it roking.......

    ReplyDelete
  3. okay i'll try to update some more Post
    and thanx

    ReplyDelete